ए ज़िंदगी कभी तो कर साथ देने का एक वादा
देख तेरे हर दगा को मुस्कुरा के सहा है
देख तेरे हर सितम को है सीने से लगाया
तेरे हर दर्द को है होंठों पे सजाया
तेरे हर आँसू को है पलकों पे छिपाया
फिर भी दिल में है कुछ ऐसा इरादा
हर गम से है मुस्कुराने का वादा
पर अब तू भी तो कर इतनी रहमत
की ज़िंदगी, ज़िंदगी रहे, ना बन जाए उल्फत
ज़ख्म इतना ही रहे, की नासूर न बन जाए
जीना भी कुछ ऐसा ही रहे, की कसूर न बन जाए
------------------------------------------ नीलाभ
--Expressions: Just another expression depicting pain.
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