Friday, March 9, 2012

तुम याद आओगे......

तुम याद आओगे....

सच्ची और झूटी कितनी बातों में...
जाने कितनी हुई शरारतों में....

... खिलखिलाहटों में..... मुस्कुराहटों में....
कभी सुनी कभी अनसुनी सी आहटों में.....
तुम याद आओगे....

चौकलेट के रैपर की आवाज़ में .....
किसी गीत की सुर और साज़ में ......

चाय की चुस्कियों भरी शाम में....
अपने से लगते हर नाम में....
तुम याद आओगे....

यारी दोस्ती के तरानों में ......
आज काम न करने के बहानो में......

ज़िन्दगी की आनेवाली नयी राहों में.....
हम सबकी दुआओं में.....
तुम याद आओगे....


---------------------------------------- नीलाभ

--Expressions: This one is for a very special team mate I have had for past 4 years.... I guess she was a pillar for me to work, the one who stood by all highs and lows faced in office. Will definitely miss such a good friend. (Written when she left the office and was transferred)